top of page
खोज करे

Kalinjar Fort: अजेय दुर्ग माना जाता था गजनवी, ऐबक और हुमायूं भी नहीं जीत पाए यह किला Kalinjar Fort Bundelkhnd Banda

  • लेखक की तस्वीर: Amit Singh
    Amit Singh
  • 22 अप्रैल 2024
  • 3 मिनट पठन

Kalinjar Fort: भारत में ऐतिहासिक स्थलों की अमीर विरासत से भरपूर है। यहाँ हर कोने में ऐसे कई स्थल हैं जो अपनी विशेषता और महत्व के लिए प्रसिद्ध हैं। उनमें से एक है "कालिंजर किला"। यह ऐतिहासिक किला उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में स्थित है। कालिंजर किला पिछली कई सदियों से भारत के बदलते सांस्कृतिक और राजनीतिक परिदृश्य का साक्षी रहा है। यह किला अपनी अद्वितीय शक्ति के लिए जाना जाता था। कहा जाता है कि सिकंदर ने इसकी तुलना चीन की महान दीवार से की थी।इस किले का इतिहास, उसकी महत्वपूर्ण भूमिका, और उसकी शानदार वास्तुकला के बारे में अधिक जानने के लिए, हम इसे गहराई से जांचते हैं।


KALINJAR Fort
Kalinjar Fort

कालिंजर किला का इतिहास विशाल है और यह एक संघर्ष और समृद्धि का दस्तावेज है। इसे कहा जाता है कि यह किला महाभारत काल में 'कालिन्दपुर' के नाम से जाना जाता था। यहाँ पर साम्राज्यों के संघर्ष का इतिहास बहुत प्राचीन है, जिसमें गुप्त, चंदेल, तुगलक और मुघल सम्राटों ने भूमिका निभाई है।


कालिंजर किले को पहले किन नामों से जाना जाता था?

इतिहास के उतार-चढ़ावों का प्रत्यक्ष गवाह बांदा जनपद का कालिंजर क़िला हर युग में विद्यमान रहा है। इस क़िले के नाम अवश्य बदलते गये हैं। कालिंजर सतयुग में कीर्तिनगर, त्रेतायुग में मध्यगढ़, द्वापरयुग में सिंहलगढ़ और कलियुग में कालिंजर के नाम से जाना गया। किले की कुल ऊंचाई 108 फीट है। इसे मध्यकालीन भारत का सबसे अच्छा दुर्ग माना जाता है। किले में गुप्त, प्रतिहार और नागर जैसी स्थापत्य की कई शैलियां दिखाई देती हैं।


कालिंजर किला का निर्माण प्राचीन काल में हुआ था और इसका उद्घाटन 10वीं शताब्दी ईसापूर्व में हुआ था। यह किला उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में स्थित है और अपने ऊँचाई, विशालता, और विरासती महत्व के लिए प्रसिद्ध है। कालिंजर किले की ऊँचाई और शक्ति का प्रदर्शन करते हुए, इसे भारतीय इतिहास की महत्वपूर्ण धारा माना जाता है।


इस किले की वास्तुकला भी अद्वितीय है। यह भव्य किला अपनी धारावाहिक बनावट, मजेस्टिक दीवारों, और विस्तृत राजसी भवनों के लिए प्रसिद्ध है। किले के ऊँचे पहाड़ी पर बसा होने के कारण, इसका परिदृश्य भी बहुत खास है।


कालिंजर किला भारतीय संगठन और सामरिक इतिहास के अद्वितीय प्रतीक के रूप में अपनी जगह बना चुका है। यह न केवल एक पर्यटन स्थल है, बल्कि एक ऐतिहासिक धरोहर भी है जो भारतीय सभ्यता के गौरवशाली इतिहास को याद दिलाती है।


इस प्राचीन किले की यात्रा करते समय, व्यक्ति को उसके महत्व और विशालता का अनुभव होता है। कालिंजर किला एक ऐतिहासिक नगर है जो भारतीय संस्कृति की गौरवशाली विरासत को दर्शाता है। यह एक जगह है जो शांति, समृद्धि, और समृद्धि का प्रतीक है और भारतीय इतिहास के प्रेरणास्त्रोत के रूप में लोगों को प्रेरित करता है।

Kalinjar Fort Bundelkhnd Banda

KALINJAT KILLA
KALINJAR KILLA

कालिंजर के मुख्य आकर्षणों में नीलकंठ मंदिर है। इसे चंदेल शासक परमादित्य देव ने बनवाया था। मंदिर में 18 भुजा वाली विशालकाय प्रतिमा के अलावा रखा शिवलिंग नीले पत्थर का है। मंदिर के रास्ते पर भगवान शिव, काल भैरव, गणेश और हनुमान की प्रतिमाएं पत्थरों पर उकेरी गयीं हैं। इतिहासवेत्ता कि यहां शिव ने समुद्र मंथन के बाद निकले विष का पान किया था। शिवलिंग की खासियत यह है कि उससे पानी रिसता रहता है। इसके अलावा सीता सेज, पाताल गंगा, पांडव कुंड, बुढ्डा-बुढ्डी ताल, भगवान सेज, भैरव कुंड, मृगधार, कोटितीर्थ, चौबे महल, जुझौतिया बस्ती, शाही मस्जिद, मूर्ति संग्रहालय, वाऊचोप मकबरा, रामकटोरा ताल, भरचाचर, मजार ताल, राठौर महल, रनिवास, ठा. मतोला सिंह संग्रहालय, बेलाताल, सगरा बांध, शेरशाह सूरी का मक़बरा व हुमायूं की छावनी आदि हैं।


תגובות


bottom of page